परिवर्तन टुडे/ चन्दौली
सकलडीहा। उकनी वीरमराय गांव निवासी हेड कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह जौनपुर थाना क्षेत्र के चंदवक में तैनात थे। बीते शनिवार को देर रात चेकिंग के दौरान पशुतस्करों ने पीकअप भरी वाहन से रौंदते हुए भाग निकले। जिनका ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत होगयी। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। तीसरे दिन भी परिजनों के आंखों की आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा है। परिवार के लोगों ने सरकार से शहीद पुलिस जवान के नाम से पार्क बनवाने की मांग किया है।
उकनी वीरमराय गांव निवासी दीनानाथ सिंह के दो पुत्र राजीव रंजन सिंह और दुर्गेश सिंह है। दुर्गेश सिंह वर्ष 2011 में पुलिस में भर्ती हुवे थे। भर्ती के बाद से जीआरपी में ड्यूटी के बाद से जौनपुर के चंदवक थाना में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात थे। बीते शनिवार को गोवंश तस्करों की गाड़ी रोकते समय तस्कर उनके ऊपर वाहन चढ़ाकर रौंदते हुए चले गए। घायलावस्था में उन्हें ट्रामा सेंटर लाया गया जहा उनकी मौत हो गई। रविवार को उनका अंतिम संस्कार बलुआ गंगा घाट पर किया गया।
अंतिम संस्कार में लेट से पहुंचे बड़े भाई सहित परिजनों के आंखों से आंसू रूक नही रहा है। राजीव रंजन ने बताया कि अभी ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है। इसलिए सेना की छुट्टियां रद्द है। फिर भी उच्चाधिकारियों से भाई की मौत बताने पर छुट्टी मिली। उन्होंने कहा अंतिम संस्कार में शामिल न होने का मलाल जीवन भर रहेगा। भाई तो अब आ नही सकता बस हमारी एक ही मांग है कि हमारे घर के सामने सरकारी जमीन है यही पर मेरे भाई दुर्गेश के नाम पर पार्क बन जाय। उन्होंने इसी जिले के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री से मांग किया है। अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद भी पिता दीनानाथ सिंह,पत्नी प्रियंका सिंह,मां उर्मिला का रोते-रोते बेसुध हो जा रही है।